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web 3.0 definition


 


आज के इस इंटरनेट के दौर में दुनिया का हर दूसरा वयक्ति इंटरनेट का इस्तेमाल करता है चाहे वो कंप्यूटर के माध्यम से करे या फिर अपने मोबाइल से करें। लेकिन कुछ ही लोगों को इंटरनेट की पूरी जानकारी होगी के आखिर इंटरनेट कैसे काम करता है। 

    हम जल्द ही इस पर एक पोस्ट अपलोड करेंगे के हमारा इंटरनेट कैसे काम करता है और कैसे हम जो बह सर्च करने पर इंटरनेट सब रिजल्ट हमे कुछ सेकंड में ही ढूंढ कर हमारे सामने ले आता है , लेकिन आज के इस टॉपिक में हम WEB की बात करेंगे यानि के WEB 3 .0 क्या होता है। 


  WEB 3 .0 को समझने के लिए हमे सबसे पहले इनके पुराने version WEB 1 .0 और WEB 2 .0 को समझना होगा। टेक हमे WEB 3 .0 को समझने में आसानी हो।  

   सबसे पहले हम यह जान ले के यह web का मतलब है  असल में हम जब भी इंटरनेट पर कुछ search करते हैं तो यह काफी सारे रिजल्ट हमारे ब्राउज़र में भेज देता है इसके पीछे की टेक्नोलॉजी को हम web कहते हैं , समय के साथ साथ इस टेक्नोलॉजी में कुछ न कुछ features add  होते रहते हैं मतलब के इसमें अपग्रेड होते रहते हैं अपग्रेड होने के बाद इसका नाम भी चेंज होता रहता है जैसे के   WEB 1 .0 ,WEB 2 .0 , WEB 3 .0


 



अब बात करते हैं WEB 1 .0 क्या होता है 

   इस से इंटरनेट की शुरुआत हुई थी इसकी शुरुआत 1989 में हुई थी जो के एक बहोत ही साधारण वेब था मतलब इ इसमें इतने फीचर्स नहीं थे। इसमें जब भी आप ब्राउज़र खोलते तो आप अपने ब्राउज़र में पेज को सिर्फ पढ़ सकते थे इसको पढ़ने के इलावा आप कोई भी और एक्टिविटी नहीं कर सकते थे।  यह काफी साधारण था।  

     इसके बाद ही WEB 2 .0 का अविष्कार हुआ। लेकिन उस समय ब्राउज़र में सिर्फ आगे को पढ़ने को ही बहोत बड़ी बात माना जाता था। 

   WEB 2 .0 के आने के बाद इंटरनेट पर लोगो की संख्या बढ़ गयी थी क्यों के इसके आने के बाद इंटरनेट टेक्नोलॉजी में एक काफी बड़ा बदलाव आया था वो बदलाव यह था के आप इंटरनेट पर किसी भी ब्राउज़र से और किसी भी वेबसाइट पर interact कर सकते थे 

   मतलब के आप किसी भी वेबसाइट पर कमेंट कर सकते थे और इसके साथ ही आप किसी भी वेबसाइट पर अपना अकाउंट बना सकते थे जैसे के फेसबुक और इंस्टाग्राम। 

   इसकी मदद से e commerce प्लेटफार्म पर आप अपनी चीज़े वेच कस्ते हैं और खरीद भी सकते हैं मतलब के अपने डाटा का आदान प्रदान करना काफी आसान हो गया ह। 

  आज के समय में आप जितने भी website  देखतें हैं वो सारे web 2 .0 में ही प्रयोग किये जाते हैं। 

  उप्पर बताई गयी जानकारी से अभी तक आपको वेब के दोनों version के वारे में पता चल गया होगा के यह कैसे प्रयोग होता है अब हम बात करते हैं latest web यानि के Web - 3 . 0 की जो के बाकि टेक्नोलॉजी से काफी advance है। 


  Web - 3 . 0 एक decentralized सिस्टम है और यह एक Technology Block chain पर काम करती है।

    इसका मतलब है के हमारा डाटा इंटरनेट पर सिर्फ एक ही सर्वर पर मौजूद नहीं होता यह दुनियाभर में बहोत सारे nodes में बांटा जाता है , यह नोड्स ही होतें हैं जो के ब्लॉकचैन पर हमारे डाटा को स्टोर करके रखते हैं।    

   इसकी ख़ास बात यह है के इसको hack करना न मुमकिन होता है जब के centralized सिस्टम को हैक करना आसान होता है। decentralized सिस्टम का सबसे बड़ा फायदा यह होता है के इसका कण्ट्रोल किसी कंपनी के पास नहीं होता बलिकेइसका कण्ट्रोल हमारे ही पास होता है. 

    इसका मतलब अगर Amazon Google या फिर और भी बड़ी बड़ी कम्पनीज ने अगर हमारा डाटा उसे करना है तो उन्हें पहले हमसे permission लेनी पड़ेगी। 

Decentralized Web 

इंटरनेट पर हम जब भी कोई डाटा खोजते हैं या ोहिर देखते हैं तो वो किसी न किसी सर्वर पर मौजूद रहता है / और जब भी कोई यूजर उस डाटा को एसेक्स करता है तो  वो डाटा उस सर्वर से होकर इंटरनेट सर्विसेर प्रोवाइडर के माध्यम से हमारे तक पहुंचता है 

  अगर हम अपने कंप्यूटर और इस सर्वर के विच में कोई रूकावट पैदा कर दें तो यह डाटा आपके फोन में नहीं आ सकता।  लेकिन यह पर ीक ही सर्वर मौजूद होने की वजय से डाटा को एक्सेस करना न मुमकिन है। 

  Decentralized Web पर डाटा एक सर्वर पर मौजूद न होकर हजारों सर्वर पर मौजूद होता है इस लिए जब भी कोई यूजर किसी डाटा को रियेक्ट करता है तो उसे बिलकुल पास वाले सर्वर से डाटा deliver होता है। 

     Decentralized Web में हजारों सर्वर के मौजूद होने की वजय से हैकर को आपका डाटा हैक करने में काफी मुश्किल आती है और आपका डाटा हैक करना उस हैकर  के लिए न मुमकिन हो जाता ह और इस तरह आपका डाटा सुरक्षित रहता है। 

 Decentralized Web  पर डाटा का सुरक्षित होना का एक कारण और भी है के यह डाटा हजारों सर्वर पर मौजूद होने पर भी encrypted रहता है यानि के अगर यह डाटा किसी के हाथ लग भी जाये तो उसको पहले डिकोड करना पड़ेगा।  इस तरह हजारों सर्वर पर आपका डाटा होते हुए भी सुरक्षित होता है। 

 इसमें encryption की काफी साड़ी लेयर लगी होती है जिसकी वजय से original डाटा को ढूंढ़ना काफी मुश्किल होता है। 


अब बात करते हैं Web 3 .0 के फायदे के वारे में  

  • Web 3 .0 की  मदद से से इंटरनेट को अलग अलग तरीकों से इस्तेमाल किया जा सकता है 
  • Web 3 .0 इंटरनेट पर आपका डाटा सिक्योर रहता है मतलब के आपका डाटा कोई भी हैक नहीं कर सकता 
  • Web 3 .0 AI के लिए भी काफी फायदेमंद है जिसकी मदद से हम टेक्नोलॉजी के नए तरीको से इंटरनेट इस्तेमाल कर सकते हैं 
  • AI यानि के ARTIFICIAL INTELLIGENCE इसके ऊपर भी हमने अपना पोस्ट अपलोड किया हुआ है अगर आपको इसके AI टॉपिक के वारे में जानकारी चाहिए तो आप हमारे ब्लॉग पर ARTIFICIAL INTELLIGENCE को सर्च कर सकते हैं 
ARTIFICIAL INTELLIGENCE की अधिक जानकरी के लिए आप हमारे निचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें 
https://technoexpert1729.blogspot.com/2022/07/what-is-artificial-intelligence-hindi.html

  • Web 3 .0 पर डाटा एक से जयादा सर्वर पर मौजूद होता है जिसके वजय से आपका डाटा सुरक्षित रहता है 

  • Web 3 .0 पर अगर आप कोई भी जानकारी या content डालते हैं तो आपको इसके बदले एक unique टोकन मिलता है जिस पर के आपका मालिकाना हक़ होता है और उसको कोई और इस्तेमाल नहीं कर सकता। 

  • Web 3 .0 पर आपका पूरा कण्ट्रोल होने की वजय से GOOGLE FACEBOOK जैसे बड़ी बड़ी कम्पनीज भी आपकी मर्जी के बिना आपका कंटेंट नहीं हटा पाएगी 

  • Web 3 .0 पर अगर आपने कुछ अपलोड कर दिया तो उसका पूरा कण्ट्रोल आपके हाथ में ही होगा

   उम्मीद है के आपको हमारा यह टॉपिक पसंद आया होगा अगर आपको ऐसे ही और जानकारी चाहिए या फिर आप अपने पसंदीदा टॉपिक के वारे में जानकारी लेना चाहते हैं तो हमे कमेंट बॉक्स में कमेंट करे और उस टॉपिक का नाम mention करें हम जल्द ही आपका टॉपिक अपलोड करेंगे।  हमारे व्लॉग पर visit करने के लिए आपका धनयबाद।  






















































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